something special in this
कशमकश यादों और भूल जाने की !!!
Standardकिताबो के पन्नों में रख
लिया है आपने उन्हें
कहीं वो भी न बिखर जाये
सूखे फूलों जैसे और
गिर पड़े उन पन्नों से
वो और उनकी यादें
कहीं वो उड़ न जाये
सूखे पतों जैसे
उन मदमस्त हवा के झोकें के साथ
वो सूरज की पहली
किरण के साथ
उन चिडयों जैसे
जो बनाते है बसेरा
रात भर के लिए
रखना है तो उन्हें रखे अपनी
जिंदगी के सबसे हसीं पलों में
इस बहाने दो पल तो मिलेंगे
मुस्कुराने के लिए
बात न कर रात
की खामोशिओं की
कर बात उन जगमगाते जुगनू की
जो देते है एहसास तारों का
इस धारा पर
सुबह की पहली किरण
और रात के ओस की बुँदे
दिखाते है, दुनिया के सबसे
अनमोल रत्न की एक झलक
बात नहीं उन्हें याद करने की
बात है ये की कब आपने भुला
दिया उन्हें जो थे आपके इतने करीब
जिनसे थी खुशी आपकी
जिनके गम से थे आप गुम्जादा
जिंदगी रहे या न रहे
रहते है याद जिंदा सभी की
यादों में बसना और बसाना
है थोडा मुश्किल,
पर ए मेरे दोस्त ये
नामुमकिन तो नहीं
रौशन
रंग प्यार का….
Standardरंग हो होली का या प्यार का
थोडा खुमार तो चढ़ता है
ऐसे में याद आना उनका
इतना हक तो बनता है
कहते है लोग के प्यार के रंगों से
रहे रंगीन आपकी जिंदगी
फिर जिंदगी में बेरंग सा
वक्त क्यों बनता है
आते हो तुम कुछ पल के लिए
तुम्हे रोकने का हक तो मेरा बनता है
तुम कहो या न कहो
तुम्हारे पास आना तो मेरा बनता है
काश तुम समझती मेरी ख़ामोशी को
फिर भी मेरा खामोश रहना तो बनता है
रौशन
दोस्ती…
Standardदोस्ती है क्या
ये जाना दोस्तों से
दूर आने के बाद
कभी सोचा नहीं था मैंने
के मेरी जिंदगी होगी
इतनी उदास
अब जाके जाना मैंने
के क्यूँ वो कहते है
के रौशन तू रह नहीं सकता
अकेले तन्हा
काश ऐसी न होती जिंदगी के
मुझे आना पड़ता दूर अपनों से
रौशन
ढल रही है रात………….
Standardढल रही है रात धीरे-धीरे ,
सपने रहे है उड़ मेरे आस पास
जैसे हो मेरे भावनाओं की परछाईया
रात और दिल के बीच है
मेरे अपने भ्रम की दीवार
पता है इससे के ढल रही है रात
फिर भी दिल कहता है
रुक जाये रात की ये
गहरी और सुनसान पलें
रात की इन बेदर्द पलों में
रोना चाहता हू मैं
पर अब नहीं है आसूं इन आखों में
रात के अकेलेपन का है
एहसास मुझे पर अब
दिल को मेरे देती है सुकून
ये अकेलापन जो है बिखरी
चारो ओर मेरे
मुझे क्या था पता के
आने वाली है एक तूफानी सुबह
इस खामोश से रात के बाद
रात की खामोसी में मैंने
सुनी बारिश के टिप टीपने को
लगा जैसे रो रहा है वों आसमां
अँधेरे के गहराई में पल पल
टूट रहे थे सपने मेरे
लगा जैसे दूर कहीं
कोई हो ले रहा नाम मेरा
रात ने किये उजागर मेरे
कमज़ोर नग्न आत्मा के
खोखलेपन को
जिसने दिखाई मेरे काल्पनिकता को,
खुद को काल्पनिक अर्थो में छिपाने के लिए
में गया था सब कुछ भूल
आज फिर लगा मुझे एक खालीपन मेरे आस पास
जैसे मेरे स्मृति की गहेरी गलिओं में उठा हो
एक दर्द ,
रात के ढलने में और
मेरे टूटने में जैसे रहा न कोई फर्क
ढल रही रात , मेरे हर एक आँसू के साथ
रौशन
इस चाँद की चांदनी तले!!
Standardअपने झरोखे से देखा मैंने ,
चाँद छुपा हुआ पीपल तले
जाने क्यूँ उठी एक कसक मन में के काश,
होते तुम भी अभी यहाँ साथ मेरे
देख उस आधे चाँद को
मैंने कहा खुद से,
आज भले है जिंदगी
मेरी आधी अधूरी बिन तेरे,
कभी तो आएगी पूर्णिमा की चांदिनी
मैं तो तेरे इन्तेज़ार में ,
आज भी हूँ बैठा इस किनारे
ठीक उस चकोर की तरह ,
जो बैठ उस पीपल के ताने पे
देख रहा है उस चंद को,
उसकी चांदनी तले
जाने कब होगी ये दूरियां खत्म ,
कहीं उन्ही न बीत जाये जिंदगी मेरी
तेरे आने के इन्तेज़ार में,
माना मैंने कहाँ नहीं तुझसे
तेरे जाने से पहले,
पर अब रह नहीं सकता
एक पल बिना तेरे,
काश मैंने रोक लिए
होते तेरे कदम जाने से पहले ,
तो न होता मैं आज
बेवस और लाचार ,
इस चाँद की चांदनी तले
रौशन
उस चाँद की चांदनी तले
Standardअहसास तो होता है,
तेरे होने का पर दरमियाँ
नहीं होती खत्म ,
चाँद की क्या करू में बात
जाके पूछ ले कोई चकोर से
जिससे है अहसास चांदनी का
पर दरमियाँ है की कम न होती ,
हर वक्त पल पल मर रही है
जैसे जिंदगी ,
उस चाँद की चांदनी तले
रौशन
आंशु के मोती
Standardफिर से है जेहन में एक सवाल ….
Standardबुझती हुई लौ में
रूकती हुई साँसों में
आपके हर ग़मों के
आहों में मैं नहीं
मैं तो हु आपके
हर अच्छे पलों का साथी
नहीं में आपके ग़मों का साथी
क्यूँ ? ये मैं भी न समझ पाया अब तक
अब ये हो मानव मन की चंचलता
जो देख ख़ुशी मुड़ जाता है ..
ग़मों को दिखा के अपनी पीठ
क्या है सही और क्या है गलत
रख के उसको ताक पे
कब समझा है ये इंसान के
मन है सबसे बड़ा दुश्मन
आपका …क्यूँ ?
कभी ये खुद से पूछ के देखो
जिंदगी की ख़ुशी में है पल भर की ख़ुशी
पर दुसरे के ग़मों में दे के साथ
जो है मिलती ख़ुशी वो किसी वरदान से कम नहीं
रौशन
आपके इन्तेज़ार में (funny)
Standardइन्तेज़ार में मेरी आखें पत्थर हो गयी …
अब तक आई न खबर आपकी ….
कभी तो आयी हमारे आशियाने में
मिलेंगे बैठेंगे और बातें करेंगे …
वरना आपकी याद के सहारे ही
हम केंडल लाइट डिनर करेंगे
फिर न कहियेगा के
हमने दिया धोखा आपको …
रौशन