किताबो के पन्नों में रख
लिया है आपने उन्हें
कहीं वो भी न बिखर जाये
सूखे फूलों जैसे और
गिर पड़े उन पन्नों से
वो और उनकी यादें
कहीं वो उड़ न जाये
सूखे पतों जैसे
उन मदमस्त हवा के झोकें के साथ
वो सूरज की पहली
किरण के साथ
उन चिडयों जैसे
जो बनाते है बसेरा
रात भर के लिए
रखना है तो उन्हें रखे अपनी
जिंदगी के सबसे हसीं पलों में
इस बहाने दो पल तो मिलेंगे
मुस्कुराने के लिए
बात न कर रात
की खामोशिओं की
कर बात उन जगमगाते जुगनू की
जो देते है एहसास तारों का
इस धारा पर
सुबह की पहली किरण
और रात के ओस की बुँदे
दिखाते है, दुनिया के सबसे
अनमोल रत्न की एक झलक
बात नहीं उन्हें याद करने की
बात है ये की कब आपने भुला
दिया उन्हें जो थे आपके इतने करीब
जिनसे थी खुशी आपकी
जिनके गम से थे आप गुम्जादा
जिंदगी रहे या न रहे
रहते है याद जिंदा सभी की
यादों में बसना और बसाना
है थोडा मुश्किल,
पर ए मेरे दोस्त ये
नामुमकिन तो नहीं
रौशन
आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए आपका आभार. आपका ब्लॉग दिनोदिन उन्नति की ओर अग्रसर हो, आपकी लेखन विधा प्रशंसनीय है. आप हमारे ब्लॉग पर भी अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो “अनुसरण कर्ता” बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ….
भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
माफियाओं के चंगुल में ब्लागिंग
कश्मकश को बखूबी लिखा है ..
salam to al
रौशन आपका तस्सवुर और कलाम बहुत खूब है .
पर Please Typos को बेदखल कीजिये – लाजवाब लगेगा.
जिंदगी के रास्तें में एक चौराहे पर आकर
कभी हम उन्हें तो कभी हम
उनसे हुई मुलाकातों को याद करतें हैं
कभी समंदर के किनारे तो कभी
पगडंडियों पर हम यूं ही ठमक जातें हैं
शीतल मलय पवन में आती उनकी आवाजों में
हम यूं ही बहे चले जातें हैं यूं ही खोये चले जातें हैं
पता नहीं आगे रास्ते में उनसे हमारी मुलाकात कब होगी
जब भी होगी वादा रहा फिर अपनी आँखों को रोने न देंगे….
रखना है तो उन्हें रखे अपनी
जिंदगी के सबसे हसीं पलों में
इस बहाने दो पल तो मिलेंगे
मुस्कुराने के लिए…
Bahoot Accha likha hai..
http://sunnymca.wordpress.com